Tuesday, 5 August 2025

मोबाइल का ज़्यादा इस्तेमाल करने से याददाश्त कमज़ोर क्यों हो सकती है !

 


मोबाइल का ज़्यादा इस्तेमाल करने से याददाश्त कमज़ोर क्यों हो सकती है — इसका कारण यह है कि मोबाइल सीधे दिमाग को नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि यह हमारी जीवनशैली, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और दिमाग के काम करने के तरीके को प्रभावित करता है।


🔹 1. ध्यान की कमी


बार-बार नोटिफिकेशन, स्क्रॉलिंग और मल्टीटास्किंग से आपका ध्यान भटकता है।

जब ध्यान नहीं होता, तो दिमाग जानकारी को याद नहीं रख पाता।

💡 याददाश्त की शुरुआत ध्यान से होती है — अगर आप ध्यान नहीं देंगे तो कुछ याद नहीं रहेगा।


🔹 2. बहुत अधिक जानकारी का दबाव


मोबाइल पर हर समय बहुत सारी जानकारी (समाचार, वीडियो, चैट आदि) मिलती रहती है।


इससे दिमाग पर ज़्यादा बोझ पड़ता है और वह जानकारी को ठीक से नहीं जमा कर पाता।


🔹 3. डिजिटल निर्भरता


जब हम हर चीज़ को मोबाइल में ही सेव करने लगते हैं (जैसे जन्मदिन, रास्ते, नोट्स), तो हमारा दिमाग खुद से याद करने की आदत खो देता है।


इसे "कॉग्निटिव ऑफलोडिंग" कहा जाता है।


🔹 4. नींद में बाधा


रात में मोबाइल का इस्तेमाल मेलाटोनिन (नींद लाने वाला हार्मोन) को कम करता है।

पूरी नींद न मिलने से याददाश्त और सीखने की क्षमता कमजोर हो जाती है।


🔹 5. हकीकत से जुड़ाव में कमी


ज़्यादा स्क्रीन टाइम से आमने-सामने की बातचीत कम हो जाती है।

इंसानी जुड़ाव से बनी यादें ज़्यादा मजबूत होती हैं।


 6. मानसिक तनाव और चिंता


मोबाइल का अत्यधिक उपयोग तनाव, चिंता और डिप्रेशन को बढ़ाता है।

तनाव के समय निकलने वाला कॉर्टिसोल हार्मोन दिमाग के हिप्पोकैम्पस हिस्से को नुकसान पहुंचाता है, जो याददाश्त के लिए ज़रूरी है।


याददाश्त बेहतर रखने के उपाय:


मोबाइल का इस्तेमाल सीमित करें।

ध्यान बढ़ाने वाले काम करें (जैसे पढ़ना, सीखना, दिमागी खेल खेलना)।

रोज़ाना 7–8 घंटे की नींद लें।

मेडिटेशन या माइंडफुलनेस करें।

खुद से याद करने की आदत डालें — लिखें, बातचीत करें।

No comments:

Post a Comment

ऐसी जगह जहाँ छूने से लड़की उत्तेजित महसूस करती है

 ऐसी कौन-सी जगह है जहाँ छूने से लड़की “पागल” हो जाती है, यानी बहुत ज़्यादा रोमांटिक या उत्तेजित महसूस करती है। ये बात असल में महिलाओं के शरी...